12वीं का एग्जाम देने के बाद अगर करियर में कुछ फैसिनेटिंग करने का मन है और मॉडर्न फिजिक्स में इंटरेस्टेड हैैं, तो नैनो टेक्नोलॉजी आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। नैनो टेक्नोलॉजी में करियर की असीमित संभावनाएं हैं
नैनो साइंस और नैनो टेक्नोलॉजी, ये दोनों लगभग सभी विषयों से गुजरते हैं, जैसे जीवविज्ञान, इंजीनियरिग, चिकित्सा, फिजिक्स और रसायनशास्त्र। नतीजतन, इसके अनुसंधान विकास के कार्यक्षेत्र इंटर सब्जेक्ट तथा विस्तृत हैं। इसलिए इस विषय के उम्मीदवारों के पास करियर चुनने के कई मौके हैं। वे इंजीनियरिग के क्षेत्र में जा सकते हैं या फिर रिसर्च का काम चुन सकते हैं। इस विषय में करियर बनाने के तमाम रास्ते खुले हुए हैं। बायोमेडिकल एवं बायोटेक्नोलॉजी से लेकर मटीरियल साइंस, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा पर्यावरण, औषधि निर्माण, कॉस्मेटिक्स तथा माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स तक किसी भी फील्ड का सिलेक्शन आप कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से बढ़ रही है इसके साथ ही नैनो टेक्नोलॉजी भी मशहूर होती जा रही है।
नैनो टेक्नोलॉजी साइंस और इंजीनियरिंग के उन फील्ड्स को दिया गया शब्द है, जहां नैनो मीटर नापने के पैमाने पर होने वाली घटनाओं का इस्तेमाल सामग्री, उपकरणों, संरचनाओं, और प्रणालियों को डिजाइन, उत्पादन, लक्षण वर्णन और अनुप्रयोग में किया जाता है। इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की तादाद बढ़ती जा रही है। इसके पीजी कोर्स का क्रेज युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है।
योग्यता
कैंडीडेट्स के पास मैनेजमेंट से जुड़े विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी जरूरी है। कैंडीडेट्स को ग्रेजुएशन की डिग्री में कम से कम 50 फीसदी माक्र्स लाने होंग। ग्रेजुएशन कर रहे लास्ट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स भी इस कोर्स में एडमिशन के लिए आसानी से अप्लाई कर सकते हैं।
यहां मिलेगा काम
नैनो टेक्नोलॉजी का कौशल रखने वाले उम्मीदवारों को रोजगार देने वाली कंपनियों में ऑटोमोबाइल, रसायन, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा समेत तमाम क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनियां शामिल हैं। भारत में नैनो टेक उद्योग अब गति पकड़ रहा है और ऐसी लगभग 30 भारतीय कंपनियां हैं, जो नैना टेक प्रोडक्ट का कारोबार कर रही हैं। इनमें फार्मास्यूटिकल एवं इंस्ट्रूमेंटेशन प्रणालियों की कंपनियां भी शामिल हैं। इससे नैनो टेक एक्सपट््र्स, रिसर्चर्स के लिए रोजगार की बेहतर संभावनाएं बनेंगी। नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वाली कंपनियों में शामिल हैं – ऑटो फाइबर क्राफ्ट, बी कैम्स, बिलकेयर, डाबर फार्मा, एरिस टेक्नोलॉजिज, आइकॉन एनालिटिकल इक्विपमेंट, केरला मिनरल्स एडं मेटल्स, माइक्रोमटीरिअल्स (इंडिया), नैनो बायोकेमिकल्स, क्वांटम कॉरपोरेशन, सेंट-गोबेन ग्लास आदि। इनके अलावा नैनो टेक्नोलॉजी की फील्ड में भारत में रोजगार तलाशने वालों के लिए भारतीय यूनिवर्सिटीज में पढ़ाने का विकल्प भी है। इस टेक्नोलॉजी की चकित कर देने वाली मांग और संभावनाओं को देखते हुए लगभग हर भारतीय यूनिवर्सिटी ने नैनो टेक्नोलॉजी/ नैनो साइंस में स्नातक/ स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू किए हैं। अभी भी इस विषय के शिक्षकों और विशेषज्ञों की उपलब्धता काफी कम है। ऐसे में यहां रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
पाठ्यक्रम
नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शिक्षा स्नातकोत्तर स्तर और डॉक्टरेट स्तर पर प्रदान की जाती है। भारत में कोई भी संस्थान नैनो टेक्नोलॉजी में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान नहीं करता है। मैटेरियल साइंस, मैकेनिकल, बायोमेडिकल, केमिकल, बायोटेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्प्यूटर साइंस में बीटेक डिग्री या भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीवन विज्ञान में बीएससी रखने वाले उम्मीदवार नैनो टेक्नोलॉजी में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं। नैनो टेक्नोलॉजी में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीवन विज्ञान में बीएससी या सामग्री विज्ञान/यांत्रिक/जैव चिकित्सा/रसायन/जैव प्रौद्योगिकी/इलेक्ट्रॉनिक्स/कम्प्यूटर विज्ञान में बीटेक उत्तीर्ण होना चाहिए। पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को मैकेनिकल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर साइंस आदि में एमटेक या फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैटेरियल साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर साइंस आदि में एमएससी पास होना चाहिए। उम्मीदवार पांच साल की अवधि के लिए नैनो टेक्नोलॉजी (डुअल डिग्री) में बीटेक + एमटेक भी चुन सकते हैं।
मास्टर पाठ्यक्रम
नैनो टेक्नोलॉजी में एमएससी नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एमएससी नैनो टेक्नोलॉजी में एमटेक सामग्री विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में एमटेक नैनो प्रौद्योगिकी और नैनो सामग्री में एमटेक
डॉक्टरेट पाठ्यक्रम नैनो टेक्नोलॉजी में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी
करियर ऑप्शन
नैनो टेक्नोलॉजी इंजीनियर : नैनोटेक्नोलॉजी में बीटेक करके आप नैनो टेक्नोलॉजी इंजीनियर बन सकते हैं, जिससे आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री खासकर नैनो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम्स, फूड इंडस्ट्री, एविएशन इंडस्ट्री, एयरोस्पेस, डिफेंस, मैन्युफैक्चरिंग, सोलर इंडस्ट्री के साथ ही आईटी सेक्टर में भी अच्छी जॉब कर सकते हैैं।
नैनोटेक्नोलॉजी साइंटिस्ट : नैनो टेक्नोलॉजी में बीटेक या बीएससी करने के बाद अगर आप इसी में मास्टर्स करके पीएचडी परस्यू करते हैैं तो आप एक नैनो टेक्नोलॉजिस्ट या नैनो टेक्नोलॉजी साइंटिस्ट बन सकते हैैं।
मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर : नैनो टेक्नोलॉजी में पढ़ाई करके आप मैन्युफैक्चरिंग फील्ड में बेहतरीन करियर बना सकते हैं, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में नैनो टेक्नोलॉजिस्ट और मैनुफैक्चरिंग इंजीनियर की अच्छी खासी मांग होती है।
मैटेरियल एनालिस्ट : आज के टाइम में स्टडी लाइफ से लेकर वर्किंग में यूज होने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट्स में नैनो टेक्नोलॉजी का यूज होता है, ऐसे में इंडस्ट्री में इनके स्पेेशलिस्ट्स और एनालिस्ट्स की भी डिमांड है, तो अगर आप नैनोटेक्नोलॉजी में स्टडी करते हैं, तो आपके करियर के सेट होने के हाई चांसेस हैं।
जरूरी स्किल्स
लॉजिकल दिमाग और एकाग्रता का होना इस कोर्स के लिए बेहद जरूरी है। प्रतियोगी में रचनात्मकता का होना अहम है। इसके साथ ही मैथ्स और साइंस के बाकी विषयों पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। नई तकनीक और अन्य चीजों के प्रति उत्सुकता भी जरूरी है।
सैलरी
इस फील्ड में मिनिमम शुरुआती सैलरी 40,000 रुपए है, उम्मीदवार 1,00,000 रुपए और उससे ज्यादा राशि भी पा सकते हैं। विदेशों में नैनोटेक्नोलॉजी विशेषज्ञों की भारी मांग है और वहां लाखों रुपए का पैकेज मिलता है। अनुभव और नियोक्ता कंपनी के आधार पर वेतन के आंकड़े में बढ़ोतरी होती जाती है।
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