Shahabuddin, a Muslim man in Indore, India, converted to Hinduism after the Pulwama terror attack. He changed his name to Shyam and stopped the qawwali performances he used to organize at a Dargah (Muslim shrine). Instead, he organized a Hanuman Chalisa recitation and a community feast (bhandara), which was attended by both Hindus and Muslims.
Shyam's conversion stemmed from his deep sorrow over the Pulwama attack, where terrorists targeted and killed people based on their religion. He felt that he had been misguided and wanted to return to his original Hindu faith.
The event was met with mixed reactions. While some welcomed Shyam's return to Hinduism, it also highlighted underlying religious tensions and raised questions about religious identity and the impact of political events on personal beliefs. Local BJP council member, Jitu Yadav, stated that his group had been working on Shyam's return to the Hindu faith.
The holding of a Hanuman Chalisa and bhandara at a Dargah is highly symbolic. It signifies the conversion and also demonstrates a shift in religious practice within the Dargah premises. The participation of Muslims alongside Hindus is a significant detail, underscoring a complex social interaction.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इंदौर के एक मुस्लिम का हृदय परिवर्तन कर दिया। शहाबुद्दीन नाम के इस शख्स ने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। उसने नाम बदलकर श्यामू रख लिया।
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उसने ये भी कहा कि जिस दरगाह परिसर में वह कव्वाली का आयोजन कराता था, वहां अब केवल हनुमान चालीसा, रामायण और सुंदरकांड का पाठ होगा। श्यामू ने इस मौके पर दरगाह परिसर में ही हनुमान चालीसा पाठ और भंडारे का आयोजन भी किया। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए। ये घटनाक्रम इंदौर के कुलकर्णी भट्टा इलाके का है।
पहले हिंदू ही था, कव्वाली से प्रभावित होकर बदला था धर्म दरअसल, श्यामू पहले हिंदू ही था, उसने कव्वाली से प्रभावित होकर मुस्लिम धर्म अपना लिया था। अब, जब उसे पता चला कि पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को गोली मारी तो उसने दरगाह में होने वाली कव्वाली बंद कर दी और सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कराया। साथ ही प्रसाद वितरण भी कराया है।
इससे पहले श्यामू और वहां मौजूद लोगों ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर देश के वीरों को नमन किया।
घर वापसी पर श्यामू का साफा पहनाकर स्वागत किया गया।
मैं भटक गया था, अब यहां भंडारा-हनुमान चालीसा ही होगी शहाबुद्दीन से श्याम लाल उर्फ श्यामू बने बुजुर्ग ने कहा कि पहलगाम हादसे से बहुत दुख हुआ। हमारे देश में ऐसा कभी हुआ नहीं। खुद को लेकर उन्होंने कहा कि मैं भटक गया था, उधर चला गया था। समाज के लोगों से बात करने और उनके समझाने के बाद वापस अपने हिंदू धर्म में आया हूं। यहां अब हर साल भंडारा चलता रहेगा। इसीलिए हमने कव्वाली रोककर सुंदरकांड का पाठ रखा।
पूर्व पार्षद बोले- हम इनकी घर वापसी की कोशिश में लगे थे पूर्व पार्षद जीतू यादव ने कहा कि हम लंबे समय से इनकी घर वापसी की कोशिश में जुटे थे। पहलगाम में कायराना हमला हुआ, उसकी पूरी जानकारी हमने इन्हें दी, जिसके बाद परिवार ने निर्णय लिया कि धर्म पूछकर मार रहे हैं, ऐसे धर्म में नहीं रहना।
यह दरगाह पीरे तरीकत हुजूर सैय्यद निजामुद्दीन कादरी चिश्ती रेहमतुल्लाह अलैह की है। श्यामू ने कहा कि यहां अब कव्वाली नहीं होगी। अब हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामायण पाठ होंगे।
दरगाह परिसर में भंडारे और प्रसाद वितरण में हिंदुओं के साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम भी शामिल हुए।
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इंदौर में बीजेपी से निष्कासित पार्षद जीतू का वीडियो:चबूतरा बनाने वाले से कहा- हिंदू होकर पूरे मोहल्ले को मुसलमान बनाओगे क्या; अभी मैं जिंदा हूं
इंदौर के बीजेपी पार्षद कमलेश कालरा कांड के बाद पार्टी से निष्कासित पूर्व एमआईसी मेंबर जीतू यादव (जाटव) का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वे इंदौर के कुलकर्णी नगर में बनी एक दरगाह के अतिक्रमण को लेकर उग्र होते दिख रहे हैं।
नगर निगम सूत्रों के मुताबिक वीडियो रविवार का है। इसमें जीतू यादव नगर निगम कर्मचारियों और एक स्थानीय व्यक्ति को फटकारते हुए नजर आ रहे हैं। वे कहते हैं- अभी मैं जिंदा हूं। कहीं गया नहीं हूं। अभी यहीं हूं। रहवासी से बोले- बंद करो, तुम्हारी दुकानदारी
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