Tahawwur Rana | Mumbai Terror Attack Tahawwur Rana Extradition Update - US India | मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर को भारत लाया जा रहा: अमेरिका से स्पेशल फ्लाइट रवाना, देर रात लैंड होगी; शाह, जयशंकर, डोभाल की मीटिंग जारी | Dainik Bhaskar


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Key Details of Tahawwur Rana's Extradition

Tahawwur Rana, a Pakistani-Canadian citizen, is being extradited from the United States to India to face charges related to his involvement in the 2008 Mumbai terror attacks. A joint team from India's NIA and RAW is escorting him back to India on a special flight.

Legal Battles and US Involvement

Rana's attempts to prevent his extradition were rejected by the US Supreme Court. He argued he would face torture in India due to his Parkinson's disease. The US government provided evidence, including emails and documents, to prove his role in assisting David Headley, the mastermind behind the attacks.

Rana's Role in the Mumbai Attacks

  • Rana is accused of helping Headley establish a fake business office in Mumbai to facilitate the attacks.
  • He helped Headley obtain a visa to scout locations in Mumbai, including the Taj Hotel and Chhatrapati Shivaji Terminus.
  • Evidence points to his providing logistical support and financial assistance to the terrorist group, Lashkar-e-Taiba.

Timeline of Extradition Efforts

  • 2011: India's NIA filed a chargesheet against Rana.
  • 2019: India first requested Rana's extradition through diplomatic channels.
  • 2020: India requested Rana's temporary arrest.
  • 2021: India formally requested extradition and presented evidence in US court.

Rana's Background and Arrest

Rana, a former doctor in the Pakistani army, became an immigration consultant in Canada and then the US. He was arrested in 2009 by the FBI and sentenced to 14 years in prison in the US for supporting Lashkar-e-Taiba.

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मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर को भारत लाया जा रहा:अमेरिका से स्पेशल फ्लाइट रवाना, देर रात लैंड होगी; शाह, जयशंकर, डोभाल की मीटिंग जारी

वाशिंगटन5 घंटे पहले

पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा 26/11 हमले का प्रमुख मास्टरमाइंड है। - फाइल फोटो

2008 मुंबई आतंकी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को आज अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम तहव्वुर को लेकर स्पेशल फ्लाइट से रवाना हो चुकी है। उसके देर रात तक भारत पहुंचने की संभावना है। NIA अगले कुछ हफ्तों तक उसे अपनी कस्टडी में रखेगी।

राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। तहव्वुर ने भारत आने से बचने के लिए याचिका दायर की थी। उसने अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत डिपोर्ट किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है।

तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिल्स के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।

इस बीच, राणा को भारत लाने को लेकर होम मिनिस्ट्री में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की मीटिंग हो रही है।

मुंबई हमले में आतंकियों ने ताजमहल होटल को भी निशाना बनाया था। यहां 31 लोग मारे गए थे। मरने वालों की कुल संख्या 175 थी। - फाइल फोटो

मुंबई हमले में रोल- हेडली को मुंबई में ऑफिस खोलने में मदद

  • मुंबई हमले की 405 पन्नों की चार्जशीट में राणा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। इसके मुताबिक राणा ISI और लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर है। राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था।
  • राणा ने ही हेडली को मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड नाम से एक ऑफिस खोलने में मदद की। यह ऑफिस उसने अपनी आतंकी गतिविधियों को छुपाने के लिए खोला था।
  • हेडली ने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के जरिए भारत घूमना और उन लोकेशन को ढूंढना शुरू किया, जहां लश्कर-ए-तैयबा आतंकी हमला कर सकता था।
  • उसने मुंबई में ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की रेकी की। बाद में यहीं पर हमले भी हुए।

अमेरिकी सरकार बोली- राणा का रोल साबित हुआ

अमेरिकी सरकार का कहना है, ‘हेडली ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं।'

अमेरिकी कोर्ट पहले खारिज कर चुका प्रत्यर्पण याचिका

13 नवंबर 2024 को राणा ने निचली अदालत के प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसे 21 जनवरी को खारिज कर दिया गया था। इससे पहले उसने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में अपील की थी, जो खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है।

भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण के लिए उठाए 5 कदम

  • 2011 में भारत की NIA ने राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
  • भारत ने 4 दिसंबर 2019 को पहली बार डिप्लोमैटिक चैनल्स से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की।
  • 10 जून 2020 को राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की।
  • फरवरी 2021 में भारत ने आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी न्याय विभाग को नोट भेजा।
  • 22 जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए।

मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी।

पिछले साल कोर्ट में सरकारी वकीलों ने तर्क दिया था कि तहव्वुर इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है। तहव्वुर को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर तहव्वुर आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।

राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग करने का अपराध किया है।

तहव्वुर पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक

  • 64 साल का तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। तहव्वुर हुसैन पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
  • कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।

अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा

अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ'हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया।

अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

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तहव्वुर राणा से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें...

कौन है पाकिस्तानी बिजनेसमैन जिसे ट्रम्प भारत भेजेंगे:अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्यों उसे सबसे बुरा इंसान कहा और मोदी बोले- शुक्रिया

13 फरवरी को अमेरिका में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात में एक पाकिस्तानी बिजनेसमैन के बारे में भी बात हुई।

जब बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प से इस बिजनेसमैन के बारे में सवाल पूछा गया, तो ट्रम्प ने उसे दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक बताया।

ट्रम्प ने कहा कि उसे भारत को सौंपने में मुझे खुशी हो रही है। अब वह भारत जाकर न्याय का सामना करेगा। जवाब में पीएम मोदी ने ट्रम्प को शुक्रिया कहा। पूरी खबर यहां पढ़ें...

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