The article details the alleged assault of a 9th-grade Muslim boy, Farhan, in Aligarh, Uttar Pradesh, India. A Hindu mob allegedly beat him and forced him to urinate on a Pakistani flag after he moved it from the street following the Pahalgam attack. Farhan's family claims he has since been traumatized and afraid to leave his house.
The article further reports on other alleged instances of violence against Muslims in Aligarh following the Pahalgam attack, including vandalism of juice shops and threats against shopkeepers.
Rajesh Kumar, the main accused, a BJP worker, claims the boy was paid to remove the flag and that the entire incident was staged. He denies the accusations of violence but acknowledges using harsh language.
The police have filed an FIR based on a complaint from a businessman, Abdul Qadir, and are investigating the matter. However, criticism exists concerning police presence during the incident and subsequent investigations.
The article highlights the rising tensions and violence against Muslims in Aligarh, India following the Pahalgam attack. It emphasizes the need for thorough investigation and accountability for the alleged acts of violence and the fear and trauma experienced by the victims.
‘मेरे बच्चे को बहुत पीटा। बताइए हम कहां जाएंगे। जिसने मारा, वो आदमी दुकान पर बैठा है। मेरा बच्चा घर से निकलने में डर रहा है। घबरा रहा है, कभी-कभी रात में उठ जाता है, रोता है कि मुझे मार देंगे। आपका और हमारा खून तो अलग नहीं है। हमने ही तो हिंदू और मुस
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फरहान की अम्मी बीते 8 दिनों से परेशान हैं। फरहान यूपी के अलीगढ़ का वही बच्चा है, जिसकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। ये घटना 28 अप्रैल की है। पहलगाम हमले के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों ने बंद बुलाया था। प्रोटेस्ट के दौरान रसलगंज बाजार में सड़क पर पाकिस्तान के झंडे रखे गए थे। तभी 9वीं में पढ़ने वाला फरहान 5-6 दोस्तों के साथ वहां से निकला।
प्रोटेस्ट कर रहे लोगों ने फरहान को पकड़ा, उसे पीटा और झंडे पर टॉयलेट करवाया। उनका आरोप है कि फरहान ने सड़क पर रखे पाकिस्तान के झंडे को हटाकर किनारे कर दिया था। फैमिली का दावा है कि वीडियो वायरल होने के बाद फरहान ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। हमेशा डरा रहता है।
ये विजुअल फरहान का है। भीड़ में शामिल लोगों ने उससे पाकिस्तान का झंडा दोबारा सड़क पर लगवाया।
पहलगाम हमले के बाद मुस्लिमों को टारगेट करने की ये इकलौती घटना नहीं है। अलीगढ़ के ही वीडियो सामने आए है, जिसमें भीड़ ने मुस्लिम व्यापारियों को टारगेट किया। जूस की दो दुकानें तोड़ दी गईं।
दैनिक भास्कर ने इन घटनाओं के विक्टिम और आरोपियों से बात की। हम दिल्ली से 120 किलोमीटर दूर अलीगढ़ पहुंचे। सबसे पहले फरहान और उसकी फैमिली से बात की। वीडियो में फरहान को पीटते दिख रहे राजेश कुमार और नितिन से भी मिले। स्टोरी में पहचान छिपाने के लिए बच्चे और उसकी फैमिली के नाम बदले गए हैं।
फरहान बोला- मुझे एक घंटे पकड़कर रखा, कोई बचाने नहीं आया फरहान का परिवार शाहजमाल इलाके में रहता है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि लोग फरहान से उसका और उसके अब्बू का नाम पूछ रहे हैं। उसका वीडियो बना रहे हैं। फरहान कह रहा है कि दोस्तों के कहने पर उसने झंडा हटाया था।
हमने फरहान से उस दिन के बारे में पूछा। उसके चेहरे पर डर साफ दिखता है। वो बताता है, ‘मैं दोस्तों के साथ जा रहा था। रास्ते में कुछ रखा था। दोस्तों ने मुझसे कहा कि इसे (झंडे) उठाकर रख दो। मैंने रख दिया और आगे बढ़ गया।'
'तभी पीछे से कुछ लोग आए और मुझे पकड़ लिया। मारपीट करने लगे, गालियां देने लगे। फिर मुझसे झंडा दोबारा रखवाया और उस पर टॉयलेट करवाया। मुझसे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगवाए।’
‘वे लोग कौम को गाली दे रहे थे। मुझे एक घंटे तक पकड़कर रखा, कोई बचाने नहीं आया। उस दिन से मैं घर पर ही हूं। स्कूल जाने का मन नहीं होता। मेरे साथ जो हुआ, किसी के साथ न हो।’
फरहान के घर में माता-पिता के अलावा 5 भाई-बहन हैं। पिता आसिफ मजदूरी करते हैं।
फरहान के अब्बू आसिफ घटना के बारे में बताते हुए भावुक हो जाते हैं। कहते हैं, ‘मेरे बच्चे के साथ जुल्म हुआ है। प्रशासन उसके साथ ऐसा करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करे, चाहे वे किसी भी जाति या बिरादरी के हों। कौम के नाम पर हमारे साथ जुल्म हो रहे हैं।’
आसिफ बताते हैं कि बेटा डिप्रेशन में है। घटना के बाद सहमा-सहमा रहता है। उसके दोस्तों ने घर आना छोड़ दिया है। उसके स्कूल से भी कोई नहीं आया।'
आसिफ आगे कहते हैं, ‘मैं खुद बच्चे की वजह से परेशान हूं। एसपी सिटी साहब ने हमें बुलाया था। उन्होंने कहा था कि आप बेफिक्र रहिए, आरोपी कोई भी हों, हम उन पर सख्त कार्रवाई करेंगे।’
'वीडियो देखकर पता चला किसी ने बेटे को पीटा है' फरहान की अम्मी सलमा बात शुरू करते ही रोने लगती हैं। कहती हैं, ‘मेरे बच्चे को बहुत मारा। हम लोग तो देखकर पागल से हो गए थे। बेटे ने डर की वजह से हमें कुछ नहीं बताया था। हमने वीडियो देखा, तब पता चला।’
कारोबारी ने FIR दर्ज कराई, बोले- बच्चे का परिवार डरा हुआ है फरहान के साथ जहां मारपीट की गई, वहीं रसलगंज पुलिस चौकी है। सिर्फ 50 मीटर दूर एसपी सिटी का ऑफिस है। वीडियो में दिख रहा है कि घटना के वक्त एक पुलिसकर्मी भी वहां है। इसके बावजूद लोग फरहान के साथ बदसलूकी करते रहे।
फरहान से बदसलूकी के वक्त मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी। आरोप है कि पुलिस के होने के बावजूद भीड़ फरहान से मारपीट करती रही।
इस मामले में अब्दुल कादिर नाम के कारोबारी ने 30 अप्रैल को FIR दर्ज करवाई थी। कादिर का ताले का कारोबार है, लेकिन वे खुद को सोशल वर्कर भी बताते हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने लिखा है कि इस घटना से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। ऐसा करके लोगों ने अलीगढ़ में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है।
अब्दुल कादिर बताते हैं, ‘बच्चे का परिवार डरा हुआ था कि वे केस दर्ज करवाते हैं तो उनके साथ कुछ घटना हो सकती है। एक तबके को गाली दी जा रही है। बच्चे के साथ मारपीट की जा रही है। सबके सामने पेशाब करवाया जा रहा है। ये बातें मुझे अच्छी नहीं लगीं। इसलिए मैंने अपनी तरफ से केस दर्ज करवाया।’
हमने केस की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी मनोज कुमार से भी बात की। उन्होंने बताया कि कार्रवाई चल रही है, शिकायत करने वाले को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
आरोपी BJP कार्यकर्ता, बोले- बच्चे ने झंडा हटाने के पैसे लिए थे केस के मुख्य आरोपी राजेश कुमार रसलगंज बाजार में स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। वीडियो में राजेश मुस्लिमों के खिलाफ अपशब्द कहते सुनाई दे रहे हैं। वे खुद को BJP कार्यकर्ता बताते हैं। अलीगढ़ के BJP महानगर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने भी पुष्टि की है कि राजेश पार्टी कार्यकर्ता हैं।
घटना वाले दिन राजेश ने मीडिया से बात की थी। उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान का विरोध करने के लिए पोस्टर लगाया था। कोई जिहादी मुसलमान का लड़का है, उसने पोस्टर फाड़ दिया। हम उसे पकड़कर घसीटते हुए लाए और दोबारा पोस्टर लगवाया।’
‘इससे पता चलता है कि हिंदुस्तान में बैठे हुए कितने पाकिस्तानी *** हैं और उनकी मानसिकता क्या है। मेरा सरकार से कहना है कि आप पाकिस्तान पर अटैक कर रहे हैं, तो हिंदुस्तान में जितने जिहादी बैठे हैं, उनका फैसला देश में ही होना है।’
हम राजेश से मिलने उनकी दुकान पर पहुंचे। पहले वे बातचीत के लिए तैयार हो गए। फिर किसी को फोन किया और कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया। बोले कि सीनियर लीडर इस पर बयान देंगे, उसके बाद ही मैं कुछ बोलूंगा।
हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में राजेश ने बताया कि सारी चीजों को तोड़-मरोड़कर दिखाया जा रहा है। ये घटना प्रायोजित थी। बच्चों को झंडे हटाने के लिए पैसे दिए गए थे। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन जिसने पाकिस्तान का झंडा हटाया, उससे उसकी मानसिकता झलक जाती है।’
मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने की बात पर राजेश कहते हैं, ‘ये क्रिया की प्रतिक्रिया थी। जिहादी बॉर्डर पार नहीं हैं बल्कि देश के अंदर हैं। हमने सिविल लाइन में एक दुकानदार से दुकान बंद करने के लिए कहा। वो कहने लगा कि तुम भगवा आतंकवादी हो।’
हम दूसरे आरोपी नितिन के पास भी पहुंचे। नितिन रसलगंज में किराने की दुकान चलाते हैं। वे व्यापार मंडल से जुड़े हैं। वायरल वीडियो में नितिन भी मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी करते दिख रहे हैं। उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया और कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं बोल सकता।
दोनों आरोपियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें वे नारेबाजी करते हुए मुस्लिमों के लिए ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जिसे यहां नहीं लिखा जा सकता। ये वीडियो अलीगढ़ के सिविल लाइन इलाके का है।
जूस में थूक-यूरिन मिलाने का आरोप लगाया, दुकान तोड़ी पहलगाम हमले के अगले दिन 23 अप्रैल को अलीगढ़ के स्वर्ण जयंती नगर में जूस की एक दुकान में तोड़फोड़ की गई। एक महिला कस्टमर ने आरोप लगाया था कि जूस में थूक और यूरिन मिलाया जा रहा है। घटना के वीडियो में दिख रहा है कि दुकान का सारा सामान बिखरा हुआ है और फलों को फेंक दिया गया है।
घटना के बाद से जूस की दुकान बंद है। भीड़ ने यहां तोड़फोड़ के साथ ही स्टाफ से मारपीट की।
ये दुकान बहराइच के रहने वाले असहाब की है। वे चार साल से दुकान चला रहे थे। असहाब कहते हैं कि आज तक ऐसी घटना नहीं हुई थी। अलीगढ़ में मेरी तीन दुकानें हैं। दो दुकानों पर मेरे भाई रहते हैं।
असहाब बताते हैं, ‘शाम करीब 7 बजे 15-20 लोग आए और काम करने वाले लड़कों को गाली देने लगे। पूरा सामान तोड़ दिया। वे कह रहे थे कि जूस में थूक और यूरिन मिलाते हो। हमारे यहां कैमरे लगे थे। दो सामने की तरफ और दो पीछे की तरफ, लेकिन किसी ने कैमरे की फुटेज नहीं देखी। स्टाफ को बहुत पीटा।'
घटना के वक्त असहाब दुकान पर नहीं थे। वे कहते हैं, ‘लड़कों ने बताया कि वे लोग आते ही गाली देने लगे। कहा कि तुमने हमें कश्मीर में मारा है, हम तुम्हें यहां मारेंगे। तोड़फोड़ में हमारा दो से ढाई लाख रुपए का नुकसान हुआ है।’
असहाब अब उस इलाके में जाने से भी डर रहे हैं। वे अपनी बंद दुकान दिखाने के लिए हमारे साथ गए, लेकिन गाड़ी से नहीं उतरे। उनकी दुकान के आसपास के लोग भी बोलने से बच रहे हैं। हमने कई लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ।
जूस की एक और दुकान तोड़ी, आरोप- बोर्ड पर मुस्लिम नाम देख हमला किया इसी इलाके में उमर हुसैन की गन्ने के जूस की दुकान है। 26 अप्रैल को भीड़ ने उनकी दुकान में तोड़फोड़ की थी। हालांकि तब दुकान बंद थी। हम गए तब भी उमर की दुकान बंद मिली। हमने उमर से फोन पर बात की।
वे कहते हैं, ‘शाम के 7 बजे थे। मेरी दुकान बंद थी। बोर्ड पर मेरा नाम लिखा था। मैं मुसलमान हूं, इसलिए टारगेट किया गया। कोई बात नहीं है, ऊपरवाला सबको देख रहा है। किसी का नुकसान करने से कुछ नहीं होता।’
उमर की दुकान में तोड़फोड़ का वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन अब तक किसी आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है।
उमर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ क्वार्सी थाने में FIR दर्ज करवाई है। उन्होंने शिकायत में लिखा है कि दुकान खोलने पर मुझे जान से मारने की धमकी दी गई है। इसलिए पुलिस तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।
उमर की दुकान के ठीक बगल में कन्हैया हिंदू जूस कॉर्नर है। हमने दुकान चलाने वाले कन्हैया से बात की, लेकिन वे कैमरे पर नहीं आए। उन्होंने बताया कि उमर ने ऐसा कुछ नहीं किया था। उमर की दुकान तोड़े जाने की वजह पूछने पर वे मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘हम हिंदू हैं, वो मुसलमान है, यही वजह है।’
पुलिस बोली- अब तक किसी आरोपी की पहचान नहीं जूस की दोनों दुकानों में तोड़फोड़ की घटना पर क्वार्सी थाने के SHO जीतेंद्र सिंह ने बताया कि वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। अब तक किसी की पहचान नहीं हो पाई है। कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुई है।
आसपास के लोग बताते हैं कि अलीगढ़ में मुसलमानों के खिलाफ हमले या धमकी मिलने की और भी कई घटनाएं हुई हैं। हालांकि पीड़ितों से बात नहीं हो पाने या घटना को वेरिफाई नहीं कर पाने की वजह से हम उनका जिक्र यहां नहीं कर रहे हैं।
इन सभी घटनाओं पर हमने अलीगढ़ एसपी सिटी मृगांक शेखर से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया। हमने उन्हें ई-मेल भी भेजा है। अब तक उनका जवाब नहीं मिला है। जवाब आने पर स्टोरी में अपडेट करेंगे।
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नैनीताल में 12 साल की बच्ची से रेप के बाद मुस्लिम दुकानदार हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर आ गए। घटना 30 अप्रैल की है और रेप का आरोप 73 साल के ठेकेदार मोहम्मद उस्मान पर है। मामला सामने आने के बाद भीड़ ने थाने के सामने मार्केट की दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। विरोध करने वालों को मारा-पीटा गया। पढ़िए पूरी खबर...
2. मसूरी में कश्मीरी व्यापारियों की पिटाई, शहर छोड़ने के लिए धमकी
कश्मीर के कुपवाड़ा के रहने वाले इकबाल अहमद मसूरी की मॉल रोड पर 20 साल से कश्मीरी शॉल और गर्म कपड़े बेच रहे थे। 24 अप्रैल को उन्हें अचानक मसूरी छोड़कर जाना पड़ा। वजह है 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला। हमले के अगले दिन यानी 23 अप्रैल को इकबाल दुकान लगाने पहुंचे तो कुछ युवकों के उन्हें दुकान हटाने के लिए धमकाया। मारपीट की। पढ़िए पूरी खबर...
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